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इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स और टाटा सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग ने सेमीकंडक्टर फैब के लिए वित्तीय सहायता समझौते पर हस्ताक्षर किए

विजय शंकर यादव उप संपादक

इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स और टाटा सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग ने सेमीकंडक्टर फैब के लिए वित्तीय सहायता समझौते पर हस्ताक्षर किए…….

 

 

Insamachar। इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम), टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड (टीईपीएल) और टाटा सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग प्राइवेट लिमिटेड (टीएसएमपीएल) ने गुजरात के धोलेरा में भारत के पहले वाणिज्यिक सेमीकंडक्टर फैब के लिए एक राजकोषीय सहायता समझौते (एफएसए) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह भारत के सेमीकंडक्टर उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी उपस्थित थे। यह महत्वपूर्ण समझौता भारत में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले विनिर्माण इकोसिस्टम के लिए संशोधित कार्यक्रम के तहत भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता को मजबूत करने की दिशा में एक निर्णायक कदम है।

महत्वपूर्ण परियोजना के लिए 50% राजकोषीय सहायता – 

धोलेरा (एसआईआर) में टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के सेमीकंडक्टर फैब में कुल 91,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश हो रहा है, जिसकी क्षमता 50,000 वेफर्स स्टार्ट प्रति माह (डब्ल्यूएसपीएम) है। भारत सरकार ने इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन के माध्यम से इस महत्वपूर्ण परियोजना पर लागत के लिए समतुल्य आधार पर 50% राजकोषीय सहायता देने का वचन दिया है – जो भारतीय सीमाओं के भीतर विश्व स्तरीय सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम के निर्माण हेतु अटूट राष्ट्रीय प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

भारत एक वैश्विक विनिर्माण महाशक्ति के रूप में – 

यह अभूतपूर्व परियोजना 20,000 से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कुशल नौकरियों का सृजन करने वाली है। यह ताइवान की पावरचिप सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कॉरपोरेशन (पीएसएमसी) की विशेषज्ञता को भारत में लेकर आएगी, जिससे एक शक्तिशाली तकनीकी गठबंधन का निर्माण होगा। यह सुविधा ऑटोमोटिव, कंप्यूटिंग, संचार और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण वैश्विक सेमीकंडक्टर बाजारों की आवश्यकता पूरी करेगी – जिससे भारत एक प्रौद्योगिकी उपभोक्ता से वैश्विक विनिर्माण महाशक्ति में परिवर्तित हो जाएगा।

भारत सेमीकंडक्टर मिशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुशील पाल ने इस बात पर जोर दिया कि भारत सरकार इस परियोजना के निष्पादन के लिए समय पर वित्तीय सहायता प्रदान करने हेतु प्रतिबद्ध है। यह पहल स्वदेशी सेमीकंडक्टर विनिर्माण में भारत की महत्वाकांक्षाओं को रेखांकित करती है। उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा है कि टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स अब इलेक्ट्रॉनिकी की मूल्य श्रृंखला को सशक्त banane में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और इस क्षेत्र में भारत के व्यापक लक्ष्यों में महत्वपूर्ण योगदान देगा।

टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक डॉ रणधीर ठाकुर ने कहा कि यह पहल भारत और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए भारत में सेमीकंडक्टर विनिर्माण क्षेत्र स्थापित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है। उन्होंने कहा कि राजकोषीय सहायता समझौता (एफएसए) हमारे माननीय प्रधानमंत्री के ‘विकसित भारत के लिए चिप्स’ के निर्माण के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन के साथ हमारी साझेदारी को मजबूत करता है।

देश के सेमीकंडक्टर उद्योग का विस्तार – 

यह परियोजना सेमीकंडक्टर विनिर्माण को बढ़ावा देकर तथा रोजगार के अवसर सृजित करके तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देगी और भारत की आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान देगी। यह भारत को लचीली, कुशल और टिकाऊ वैश्विक सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखलाओं के निर्माण में एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में स्थापित करती है।

भारत सरकार से प्राप्त होने वाली रणनीतिक वित्तीय सहायता देश के सेमीकंडक्टर उद्योग के परिवर्तनकारी विस्तार में तेजी लाएगी। यह पहल भारत को वैश्विक सेमीकंडक्टर मंच पर एक प्रमुख निर्माता के रूप में स्थापित करेगी और राष्ट्र के लिए तकनीकी आत्मनिर्भरता के एक नए युग का सूत्रपात करेगी।

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