मनमाने तौर पर पारित किए गए बेदखली आदेश तथा मकान ढ़हा दिये जाने के आदेश पर लगी रोक


मनमाने तौर पर पारित किए गए बेदखली आदेश तथा मकान ढ़हा दिये जाने के आदेश पर लगी रोक
मनमाने तौर पर पारित किए गए बेदखली आदेश तथा मकान मकान ढहां दिए जाने के आदेश पर पर लगी रोक मशहूर वकील सैयद मशहूंद अब्बास ने याचिका करता को दिलाई राहत
माननीय इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा तहसीलदार फूलपुर द्वारा पारित आदेश अंतर्गत धारा 122 बी के तहत ग्राम सभा गोवाई तहसील मनमाने तौर पर पारित किए गए बेदखली आदेश तथा मकान मकान ढहां दिए जाने के आदेश पर पर लगी रोक मशहूर वकील सैयद मशहूंद अब्बास ने याचिका करता को दिलाई राहत
माननीय इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा तहसीलदार द्वारा पारित आदेश अंतर्गत धारा 122 बी के तहत ग्राम सभा गोवाई तहसील फूलपुर निवासी पुरुषोत्तम के विरुद्ध बेदखली आदेश दिनांक 20 नवंबर 2022 व उक्त उक्त बेदखली के आदेश की रिवीजन में पुष्टि करने वाले वाले अपर जिला अधिकारी आजमगढ़. आदेश दिनांक 24 सितंबर 2024 पर अग्रिम तिथि तक स्थगन आदेश जारी करते हुए उक्त दोनों आदेशों पर रोक लगा दी है याची की तरफ से उपस्थित मशहूर एवं वरिष्ठअधिवक्ता सैयद मशहूंद अब्बास द्वारा माननीय न्यायालय के समक्ष याची का पक्ष रखा गया याची के अधिवक्ता सैयद मशहूंद अब्बास ने बहस करते हुए माननीय उच्च न्यायालय में यह तर्क रखा कि आवेदक का गाटा संख्या 1043 जो कि उक्त की भूमि धरी है के सर्वे सर्वे के समय कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई थी एवं इस उक्त गाटा संख्या 1045 से सटे गाटा संख्या 1043 पर आवेदक का अपनी भूमिहारी में निर्माण है तहसीलदार फूलपुर तथा पर जिलाधिकारी आजमगढ़ द्वारा पारित आदेश मां मने तौर पर विधि विरुद्ध तरीके से पारित किया गया है जो कि माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित विधि व्यवस्था रिशिपाल बनाम उत्तर प्रदेश राज्य तथा अन्य में पारित निर्देशों का खुला उल्लंघन है मामले में अग्रिम तिथि तक उपरोक्त आदेशों पर माननीय न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल जी की न्याय पीठ न्याय ने रोक लगा दी गई है जिससे कि याची को राहत की सांस मिली है निवासी पुरुषोत्तम के विरुद्ध बेदखली आदेश दिनांक 20 नवंबर 2022 व उक्त उक्त बेदखली के आदेश की रिवीजन में पुष्टि करने वाले वाले अपर जिला अधिकारी आजमगढ़. आदेश दिनांक 24 सितंबर 2024 पर अग्रिम तिथि तक स्थगन आदेश जारी करते हुए उक्त दोनों आदेशों पर रोक लगा दी है याची की तरफ से उपस्थित मशहूर एवं वरिष्ठअधिवक्ता सैयद मशहूंद अब्बास द्वारा माननीय न्यायालय के समक्ष याची का पक्ष रखा गया याची के अधिवक्ता सैयद मशहूंद अब्बास ने बहस करते हुए माननीय उच्च न्यायालय में यह तर्क रखा कि आवेदक का गाटा संख्या 1043 जो कि उक्त की भूमि धरी है के सर्वे के समय कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई थी एवं इस उक्त गाटा संख्या 1045 से सटे गाटा संख्या 1043 पर आवेदक का अपनी भूमिहारी में निर्माण है तहसीलदार फूलपुर तथा अपरजिलाधिकारी आजमगढ़ द्वारा पारित आदेश मनमाने तौर पर विधि विरुद्ध तरीके से पारित किया गया है जो कि माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित विधि व्यवस्था रिशिपाल बनाम उत्तर प्रदेश राज्य तथा अन्य में पारित निर्देशों का खुला उल्लंघन है मामले में अग्रिम तिथि तक उपरोक्त आदेशों पर माननीय न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल जी की न्याय पीठ ने रोक लगा दी गई है जिससे कि याची को राहत की सांस मिली है.